The Ultimate Guide To Shodashi
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The working day is noticed with good reverence, as followers stop by temples, give prayers, and take part in communal worship activities like darshans and jagratas.
Many fantastic beings have worshipped facets of Shodashi. The great sage, Sri Ramakrishna, worshiped Kali throughout his complete lifestyle, and at its fruits, he compensated homage to Shodashi by his have spouse, Sri Sarada Devi. This illustrates his greatness in viewing the divine in all beings, and especially his lifestyle companion.
सच्चिद्ब्रह्मस्वरूपां सकलगुणयुतां निर्गुणां निर्विकारां
Darshans and Jagratas are pivotal in fostering a way of community and spiritual solidarity amid devotees. All through these activities, the collective Electrical power and devotion are palpable, as participants interact in several kinds of worship and celebration.
क्लीं त्रिपुरादेवि विद्महे कामेश्वरि धीमहि। तन्नः क्लिन्ने प्रचोदयात्॥
ईड्याभिर्नव-विद्रुम-च्छवि-समाभिख्याभिरङ्गी-कृतं
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
तरुणेन्दुनिभां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥२॥
Her Tale contains legendary battles in opposition to evil forces, emphasizing the triumph of excellent more than evil and also the spiritual journey from ignorance to enlightenment.
मुख्याभिश्चल-कुन्तलाभिरुषितं मन्वस्र-चक्रे शुभे ।
लक्ष्या get more info या पुण्यजालैर्गुरुवरचरणाम्भोजसेवाविशेषाद्-
हादिः काद्यर्णतत्त्वा सुरपतिवरदा कामराजप्रदिष्टा ।
तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।
प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि